पं जगदीश महाराज का जन्म 12 अप्रैल 1968 को राजस्थान के जिला दौसा ,गढ़ हिम्मत सिंह गांव मे कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार में हुआ । आपके पिताजी का नाम स्वर्गीय श्री रामचरण शर्मा एवं माताजी का नाम श्रीमती सोमा देवी है।
पं जगदीश महाराज का जन्म 12 अप्रैल 1968 को राजस्थान के जिला दौसा ,गढ़ हिम्मत सिंह गांव मे कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार में हुआ । आपके पिताजी का नाम स्वर्गीय श्री रामचरण शर्मा एवं माताजी का नाम श्रीमती सोमा देवी है। आपका विवाह 24 जून 1988 को श्रीमती गीता देवी के साथ हुआ ।आपकी धर्मपत्नी का आपके जीवन में बहुत सहयोग रहा ।
अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात आपका रुझान आध्यात्मिक एवं योग और धर्म कर्म क्षेत्र में बढा! जहां आपने निंबार्क संप्रदाय के संत श्री सर्वेश्वर दास जी काठिया महाराज जी से दीक्षा ग्रहण की और उनके सानिध्य में आध्यात्मिक एवं योग की कई वर्षों तक अभ्यास किया।
तत्पश्चात आपने परम तेजस्वी दुर्गा उपासक श्री देवी सहाय जी महाराज से मां दुर्गा, दशम महाविद्या, एवं चौसट योगिनी, दीक्षा प्राप्त की, श्री गुरुदेव की आज्ञा तथा आशीर्वाद से देश के विभिन्न शक्तिपीठों एवं ज्योतिर्लिंगो का भ्रमण करते हुए अनेक साधनाएं की गुरुदेव के सानिध्य एवं मार्गदर्शन का लाभ मिलता रहा।
तत्पश्चात पंडित श्री उदय राम जी कश्यप से ज्योतिष, प्रश्न ज्योतिष, दर्शन ज्योतिष, अंक ज्योतिष, रमल ज्योतिष, वास्तु शास्त्र एवं यंत्र सिद्धि, साबर मंत्र सिद्धि अष्ट भैरव, भैरव दीपदान हनुमान, जी की साधना का ज्ञान प्राप्त किया एवं काफी अलौकिक विद्याओं की साधना उन के सानिध्य में की।
आपके जीवन में दिव्य गुरुजनों, संतो ,विद्वान ब्राह्मण का सानिध्य प्राप्त हुआ जिससे आपको आशीर्वाद रूपी साधनाऐ एवं ज्ञान प्राप्त हुआ।
आपने अपना मुख्य कर्म क्षेत्र गुजरात बड़ोदरा रिफायनरी टाउनशिप मंदिर को बनाया एवं लंबे समय तक वहा रहकर अपने ज्ञान से मानव कल्याण का कार्य पूर्ण निष्ठा भाव से किया।
आपने ज्योतिष के क्षेत्र में विशेष गहन अध्ययन करके सफलता हासिल की और व्यक्तियों का मार्गदर्शन किया ।जैसे – फलित ज्योतिष में महादशा ,अन्तर्दशा, विंशोत्तरी दशा ,मारकेश ग्रहों की दशा एवं अन्तर्दशा आदि।
जन्म, मास, गोचर, अष्टक आदि में ग्रहजन्य पीड़ा के योग, मेलापक में नाड़ी के योग, मेलापक में नाड़ी दोष की स्थिति, शनि की साढ़ेसाती, अढय्या शनि, पनौती (पंचम शनि), राहु-केतु, पीड़ा, भाई का वियोग, मृत्युतुल्य विविध कष्ट, असाध्य रोग, त्रिदोषजन्य महारोग, अपमृत्युभय आदि अनिष्टकारी योगों मे शनि की महादशा में शनि तथा राहु की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, केतु में केतु तथा गुरु की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, रवि की महादशा में रवि की अनिष्टकारी अंतर्दशा, चन्द्र की महादशा में बृहस्पति, शनि, केतु, शुक तथा सूर्य की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, मंगल तथा राहु की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, राहु की महादशा में गुरु की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, शुक्र की महादशा में गुरु की अनिष्टकारी अन्तर्दशा, मंगल तथा राहु की अन्तर्दशा, गुरु की महादशा में गुरु की अनिष्टकारी अंतर्दशा, बुध की महादशा में मंगल-गुरु तथा शनि की अनिष्टकारी अन्तर्दशा आदि इस प्रकार मारकेश ग्रह की दशा अन्तर्दशा में ग्रहजन्य एवं रोगजन्य अनिष्टकारी बाधाएँ कालसर्प योग, श्रापित दोष पित्र दोष चंद्र सूर्य ग्रहण चांडाल योग विष योग पारिजातक योग अंगारक योग, गर्भपात दोष कुंभ विवाह, अर्क विवाह ,केंद्रदुम योग संघर्ष योग, अल्पआयु योग इन सभी विषयों पर शोध किया,तथा अपने ज्ञान के द्द्वारा मानव कष्टों का निवारण किया । आपने अनेको शिष्यो एवं ब्राह्मण बालको को शिक्षा एवं ज्ञान दिया।
अनिष्टकारी योगों के साथ ही अभीष्ट सिद्धि, संतान प्राप्ति, राजपद प्राप्ति, चुनाव में विजयी होने, मान-सम्मान, धन लाभ, कोट कचहरी में विजय व्यापार में वृद्धि तंत्र मंत्र यंत्र बाधा का नाश आदि विभिन्न उपद्रवों, असाध्य एवं त्रिदोषजन्य महारोगादि शादी विवाह में रुकावट, दरिद्र योग निवारण, गृह क्लेश, पति पत्नी में झगड़ा, तलाक जैसी समस्या, बीमार रहने पर दवा ना लगना जैसी समस्या पं जगदीश महाराज जी ने भगवती दुर्गा एवं दशम महाविद्या अनुष्ठान के द्वारा मानव के कष्टों को समाधान कर रहे हैं ।
→ सन 2018 मे राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ संस्था मे राष्ट्रीय धर्माचार्य गुरु के पद पर रहते हुए ब्राह्मण समाज की सेवा का कार्य किया।
→ सन 2018 में ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए IBA न्यूज़ टीवी चैनल के द्वारा ज्योतिषाचार्य पद से सम्मानित किया।
→ सन 2019 में सनातन हिंदू युवा वाहिनी राष्ट्रीय धर्माचार्य के पद पर रहकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किला ।
→ सन 2020 मैं संत सुरक्षा मिशन मैं राष्ट्रीय धर्माचार्य के पद पर सुशोभित होकर संत समाज की सेवा का उत्कृष्ट कार्य किया।
→ सन 2019 में वास्तु के क्षेत्र में विद्वता प्राप्त करने के लिए नवतेज न्यूज़ टीवी चैनल द्वारा वास्तु शास्त्री के पद से सम्मानित किया गया।
→ सन 2019 में सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं विशेष योगदान होने की वजह से राजस्थान शिक्षा समाज गौरव से सम्मान प्राप्ति किया।
→ सन 2021 मैं रघुनाथ धाम धर्मार्थ सेवा संस्थान जयपुर के द्वारा ज्योतिष भूषण की उपाधि प्राप्त।
मानव सेवा सामाजिक उत्थान की भावना से जन कल्याण के लिए सन 2019 में विश्व सनातन संगठन व ट्रस्ट स्थापना की जो देश के अलग-अलग राज्यों में सक्रिय होकर मानव सेवा एवं समाज उत्थान के क्षेत्र में कार्य कर रही है ।